अनेकता मे एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता है
भारतीय संस्कृति दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृतियों मे से एक मानी जाती है 5 हजार
साल पुरानी यह सभ्यता अपने गुणों व सिद्धांतों की वजह से सफल हुई है
वसुधैव कुटुंबकम
पूरी दुनिया ही हमारा परिवार है इस मंत्र को मानते
हुए हमने हर जाती धर्म के लोगो को गले लगाना सीखा व इन ही गुणो ने इस भूमि को
सहिष्णुता की खाद से सींचा है भारत भूमि का दर्शन ही सही मायने मे यहाँ की अमूल्य
निधियाँ है
भारतीय समाज ओर संस्कृति मे तरह तरह की बिषमताये
हैं पर इतनी बिषमताओं ओर भिन्नताओ के बाद भी भारत एक महान ओर विशाल देश है इसका
मुख्य कारण यह भी है की यहा बिभेदीकरण के साथ साथ एकीकरण भी जारी रहा है दूसरे
शब्दों मे कहा जाए तो भारतीय संस्कृति मे मोलिक एकता हमेसा बिधमान रही है जिसने
भारतीय समाज को सुरक्षित रखा है इतनी भिन्नताओ के बाद भी हर भारतीय के बिचार उनके
संस्कार उनके विश्वास मे व्यवहार मे भारतीयता झलकती है
भारत को बहुधर्मी राष्ट्र भी कहा जाता है हिन्दू
धर्म भारत का सबसे प्राचीन धर्म है भारत मे अलग-अलग धर्मो,जातियों व संप्रदायों के लोग रहते है सभी नागरिक चाहे वो हिन्दू हो
मुसलमाम हो सिख हो या ईसाई समान रूप से रहते हैं आज भारतीय संस्कृति के मूल मे
समानता,स्वतंत्रता ओर भाई चारा है कुल मिलकर अनेकता मे एकता
भारतीय संस्कृति की एक अप्रतिम विशेषता है इसी वजह से हर भारतीय एक है
व्हेनसांग,फ़ाहयान,मैक्समूलर जैसे विद्वान उन्होने अपनी पुस्तकों मे यहा के विचारों की
प्रसंसा की व पूरी दुनिया मे भारतीय संस्कृति का पाठ पड़ाया
अपने शांतिपूर्ण व्यवहार के कारण ही भारतियों को
विश्व मे सम्मान की नजर से देखा जाता है भारतीय विश्व मे कही भी गए अपने प्रेम व
करुण हृदय के कारण समाज को सही दिशा दिखने का कार्य किया चाहे कितनी भी परेशानियों
का सामना क्यों न करना पड़ा हो लेकिन भारतियों ने अनेकता मे एकता के अपने गुण को
कभी नहीं छोड़ा.
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